सिंहस्थ कुंभ 2028: AI तकनीक से सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को मिलेगी नई दिशा, AERY कंपनी लगाएगी AI फेस रिकॉग्निशन सिस्टम; संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी और आपातकालीन अलर्ट प्रणाली होगी प्रभावी

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

सिंहस्थ कुंभ 2028 को ऐतिहासिक और सुरक्षित बनाने के लिए साउथ कोरिया की अत्याधुनिक AI तकनीक उज्जैन में दस्तक देने जा रही है। सोमवार को साउथ कोरिया और ECDS ग्रुप के निवेशकों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की और मेडिकल उपकरणों, मेडिकल AI, नैनो टेक्नोलॉजी, बायोपॉलीमर और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। लेकिन इस मुलाकात का सबसे अहम पहलू था—कुंभ मेले में AI तकनीक का उपयोग।

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता है, तो साउथ कोरिया की कंपनी AERY उज्जैन में AI आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम स्थापित करेगी। यह सिस्टम कुंभ मेले के दौरान सुरक्षा, आपातकालीन सहायता और भीड़ प्रबंधन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। बुधवार को साउथ कोरिया के 8 सदस्यीय डेलिगेशन ने उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह से भी मुलाकात की और AI तकनीक के संभावित लाभों को विस्तार से समझाया।

कैसे बदलेगा AI कुंभ का स्वरूप?

कुंभ मेले के दौरान लाखों-करोड़ों श्रद्धालु एक साथ उमड़ते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो जाता है। लेकिन AI की एंट्री से यह मेला अत्याधुनिक तकनीकी युग में प्रवेश करने वाला है।

  •  संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत नज़र – AI कैमरे संदिग्ध चेहरों और गतिविधियों की पहचान कर तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेजेंगे।
  • भगदड़ रोकने में मदद – भीड़ अचानक बढ़ने पर AI पैटर्न को समझकर संभावित भगदड़ के खतरे को पहले ही भांप लेगा और प्रशासन को सतर्क कर देगा।
  • आग लगने की स्थिति में त्वरित अलर्ट – किसी भी आग या धुएं के संकेत मिलने पर AI तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना देगा, जिससे हादसे रोके जा सकेंगे।
  • स्वास्थ्य आपात स्थिति में सहायता – गर्मी के कारण श्रद्धालुओं के बेहोश होने या चक्कर आने की स्थिति में AI उनके हावभाव को डिटेक्ट कर इमरजेंसी अलर्ट भेजेगा, जिससे वक्त रहते लोगों की जान बचाई जा सके।

AERY कंपनी के फाउंडर राजेश भारद्वाज ने बताया कि कंपनी उज्जैन में अपना ऑफिस स्थापित करेगी और यहीं से AI सिस्टम का संचालन होगा। कुंभ मेले के दौरान जहां सबसे अधिक भीड़ होगी, वहां का डेटा पहले ही तीन महीने पहले एकत्र किया जा चुका है, जिससे AI को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित किया जा सके।

कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु एक साथ एकत्र होते हैं। AI तकनीक का इसमें इस्तेमाल करना आध्यात्म और विज्ञान का एक अनोखा संगम होगा। यह सिर्फ उज्जैन ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

अब सवाल यह है कि क्या कुंभ 2028 में AI के जरिए सुरक्षा और व्यवस्था के नए कीर्तिमान स्थापित होंगे? अगर यह तकनीक सफल रही, तो भारत के अन्य बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी AI की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

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